बालाराजू (श्री) डरपोक स्वभाव का एक बेरोजगार युवा है। उसके चाचा उसे वन विभाग में हवालदार की नौकरी पर लगवा देते है। वह वसंता (समता) के प्यार में पड़ जाता है। कहानी में मोड़ तब आता है जब बालाराजू जान जाता है कि वो इतने दिनों से एक भूत के प्यार में था। बाकी की कहानी इस पर है कि वो कैसे अपनी भूतिया प्रेम कहानी से बाहर निकलता है।