डॉक्टर श्रेया की नियुक्ति सित्लापुर गांव में एक मोतियाबिंद कैम्प में होती है। पर गांव वालों को सरकारी स्वास्थ योजनाओं पर विश्वास नहीं है। आपूर्ति, राजनीति से अलग नहीं हैं और कर्मचारी भी कुछ खास नहीं हैं। डॉक्टर श्रेया लगातार व्यवस्था से लड़ती रहती है पर सवाल ये है कि क्या वो व्यवस्था को बदल पायेगी या व्यवस्था उसे ही बदल देगी?