लाखों में एक

लाखों में एक

डॉक्टर श्रेया की नियुक्ति सित्लापुर गांव में एक मोतियाबिंद कैम्प में होती है। पर गांव वालों को सरकारी स्वास्थ योजनाओं पर विश्वास नहीं है। आपूर्ति, राजनीति से अलग नहीं हैं और कर्मचारी भी कुछ खास नहीं हैं। डॉक्टर श्रेया लगातार व्यवस्था से लड़ती रहती है पर सवाल ये है कि क्या वो व्यवस्था को बदल पायेगी या व्यवस्था उसे ही बदल देगी?
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कंटेंट एडवाइज़री

हिंसाशराब का उपयोगधूम्रपानअभद्र भाषा

सबटाइटल

कोई भी उपलब्ध नहीं

निर्देशक

अभिषेक सेनगुप्ता

निर्माता

ओएमएल प्रोडक्शन

कलाकार

अरुण नलवाडेसुयश जोशीरूपेश टिल्लूसंदीप मेहताश्वेता त्रिपाठी शर्मा

स्टूडियो

OML
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